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Subject: AZADI.ME Weekly Newsletter (28 August 2009)
Date: Friday, August 28, 2009 1:20 AM
Azadi.me न्यूजलेटर
साप्ताहिक न्यूजलेटर | 28 अगस्त 2009 |
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देश का पहला उदारवादी हिंदी पोर्टल आज़ादी.मी लांच हिंदीभाषियों को उदारवादी मुद्दों पर अंर्तदृष्टि और सुझाव देने के लिए सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी, एटलस वैश्विक पहल एवं कैटो इंस्टीट्यूट की संयुक्त नई पहल है आज़ादी.मी। इस वेबसाइट में उदारवादियों के उच्च कोटि के लेखन-कार्य, समकालीन समस्याओं पर स्वतंत्र विचार, ब्लॉग, डिस्कशन बोर्ड और अन्य उदारवादी संस्थाओं की विचारधारा के प्रकाशन, शोधपत्र, वीडियो, पोडकास्ट आदि होंगे। यह वेबसाइट कानून बनानेवालों और हिंदी समुदाय से संपर्क बनाने का एक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली साधन होगी जिसकी पहुंच अंग्रेजी संचार की अपेक्षा भारत में बड़े पैमाने पर है। आज़ादी की 62वीं वर्षगांठ पर एशिया के शीर्ष आठवें थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी ने शुक्रवार 14 अगस्त को उदारवादी सोच रखने वाले लोगों के लिए इस पोर्टल 'आज़ादी.मी' को लांच किया। इस पोर्टल का उद्देश्य लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में उदारवादी विचारों के प्रति जागरूक करना है। और पढ़ें [+] | | | | | | आज़ादी.मी पोर्टल लाँच समारोह (14-अगस्त-2009) (बडा फोटो देखने के लिये किसी भी फोटो पर क्लिक करें) |
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| मुख्य अतिथि आज़ादी.मी पोर्टल लाँच करते हुए | मुख्य अतिथि आज़ादी.मी मग के साथ | "इस पहल से एक बात साफ हो जाती है कि हिंदी सबकी जरूरत बनती जा रही है और इस दिशा में देशी व विदेशी संस्थाएं सामने आने लगी है। अगर आज़ादी.मी लोगों को अपने बारे में सोचने के लिये मज़बूर कर देगी तो यह अपने आप में एक बहुत बडी उपलब्धि होगी " - वेद प्रताप वैदिक | "आज लोग अपने हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर होते जा रहे हैं और ऐसे में हम अपनी आजादी को कहीं न कहीं गवां रहे है। हमें अग्रेजों से आजादी मिले हुए 62 वर्ष हो गए लेकिन सही मायने में आजादी के लिए हमे एक बार फिर दूसरी लड़ाई की शुरुआत करने की जरूरत है। " - श्रवण गर्ग | "देश ने वर्ष 1991 में उदारीकरण के साथ वास्तविक आजादी की शुरुआत की लेकिन हमें अभी इस दिशा में काफी आगे जाना है। जब तक शासन प्रणाली नही सुधरेगी, भारत में समृद्धि फैलेगी लेकिन खुशहाली नहीं। " - गुरुचरण दास | "आज़ादी.मी विश्व के बेहतरीन उदारवादी विचारों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सामने लाने का एक प्रयास है। हमें स्वतंत्रता से संपूर्ण आज़ादी की ओर जरूर बढ़ना चाहिये। " - पार्थ जे शाह | | | | | | | विशेष लेख - नेशनल स्कूल वाउचर्सः एक सराहनीय नई पहल लेखक: पार्थ जे. शाह, अध्यक्ष, सी.सी.एस आरटीई विधेयक के माध्यम से सरकार ने एक विश्व का सबसे दबंग शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है. इसे उचित और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना भी उतनी ही बड़ी चुनौती होगी. उच्च वर्ग के बच्चों के साथ जब गरीब और असहाय अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजेंगे तब उन्हें सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव झेलने होंगे. और पढ़ें [+] | | विशेष लेख - जिन्ना तो बस एक गोटी हैं लेखक: डा. वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विचारक पार्टी का संसदीय बोर्ड तो सरकार के मंत्रिमंडल से भी अधिक शक्तिशाली निकाय होता है| यह निकाय अगर अपने एक वरिष्ठ साथी पर इस तरह अचानक गाज गिरा सकता है तो उस पर क्या भरोसा किया जाए? यह किसी भी देश पर अकारण ही परमाणु बम भी गिरा सकता है| ऐसे गैर-जिम्मेदार संसदीय बोर्ड को भाजपा कार्यकर्ता क्यों बर्दाश्त करें? और पढ़ें [+] | | | | | | गुरचरण दास आज़ादी.मी पर आपका स्वागत करते हुए
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